बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे कथावाचक बन कर पहली बार पटना पहुंचे, श्रीमद् भागवत कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण मनुष्य जीवन को सार्थक बनाती है। जन्म तो हर प्राणी एवं मनुष्य लेता है लेकिन उसे अपने जीवन का अर्थ बोध नहीं होता है। बाल्यावस्था से लेकर मृत्यु तक वह सांसारिक गतिविधियों में ही लिप्त होकर इस अमूल्य जीवन को नश्वर बना देता है। श्रीमद् भागवत ऐसी कथा है जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। इसलिए जहां भी भागवत होती है, इसे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक उर्जा से सशक्त हो जाता है। यह प्रवचन सोमवार को पूर्व डीजीपी और कथावाचक श्री गुप्तेश्वर पांडेय जी महाराज ने पटना के मीठापुर पुराने बस स्टैंड परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह और ५१ कुंडीय महायज्ञ के उद्घाटन दिन कही। सेवा से संन्यास लेने के बाद श्री पांडे श्री भागवत कथा वाचक बन गए हैं और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के कई शहरों में उनके प्रवचन कार्यक्रम भी आयोजित हुए हैं। पटना में सेवानिवृत्ति के बाद उनका यह पहला प्रवचन कार्यक्रम है । जिसको सुनने के लिए पहले दिन से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है। उन्होंने कहा के मनुष्य जीवन नश्वर ।है सभी को एक दिन...